अतः ज्योतिष शास्त्र की सार्वभौम महत्ता तथा उपयोगिता स्वयं ही सिद्ध होती है | वर्तमान विज्ञान के गणित आदि प्राय: सभी विषय बीजस्वरूप ज्योतिष शास्त्र में अंतर्निहित है | भारतीय परंपरा के अनुसार इस प्राचीन वैज्ञानिक शास्त्र की उत्पत्ति ब्रह्मा जी के द्वारा हुई है | ऐसा माना जाता है कि सर्वप्रथम ब्रह्मा जी ने नारद जी को ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान प्रदान किया तथा नारद जी ने ज्योतिष शास्त्र का प्रचार प्रसार किया |

भारतीय दर्शन में कर्मवाद का महत्वपूर्ण स्थान है, जिसके अनुसार संसार में प्राणी अनवरत कर्मों में ही निरत रहता है | वह चाह कर भी इससे अलग नहीं हो सकता, कर्म करने पर उसका फल अवश्य ही भोगना पड़ता है |आत्मा अजर एवं अमर है परंतु कर्म बंधन के फल स्वरुप उसे पुनर्जन्म लेना पड़ता है कर्म बंधन से मुक्ति केवल तभी मिल सकती है जब मनुष्य को आत्मज्ञान या ब्रह्म ज्ञान हो जाता है प्राणी के शुभ अशुभ कर्मों का फल उसे वर्तमान जीवन में कब कहां और किस रूप में प्राप्त होगा इत्यादि समस्त जिज्ञासाओं का उत्तर जानने का एकमात्र उपकरण ज्योतिष शास्त्र है, इसका मुख्य कार्य ग्रह, नक्षत्र की गति स्थिति अनुसार कुंडली निर्माण कर जातक के जीवन में आने वाले सुख- दुख का अनुमान कर उसे अपने कर्तव्य द्वारा अपने अनुकूल बनाने के लिए प्रेरित करना है यही प्रेरणा मानव के लिए दुखों को दूर करने का कार्य करती है एवं पुरुषार्थ साधक होती है|







  • Birth Chart Readings – जन्म कुंडली समाधान
  • Career and Business – करियर एवं बिसनेस
  • Daily Panchang – दैनिक पंचांग
  • Financial Advice – आर्थिक सलाह
  • Gemstones Advice – राशि के रत्न संबंधी सलाह
  • Hindu Astrology Service – हिन्दू ज्योतिष समाधान
  • Horoscope Astrology Service – ग्रहोंके अनुसार ज्योतिष समाधान
  • Loshu Grid Analysis – लोशू ग्रीड एनलिसिस
  • Love and Relationship – प्रेम संबंध
  • Tarot cards reading – टैरो कार्ड रीडिंग
  • Daily Horoscope – दैनिक राशिफल
  • Acurate Prediction – परिपूर्ण ज्योतिष समाधान
  • Numerology – अंकशास्त्र