3 March,2025 Monday,by Divam astro world

दिनांक – 3 मार्च 2025

दिन – सोमवार

विक्रम संवत् – 2081

अयन – उत्तरायण

ऋतु – बसन्त

मास – फाल्गुन

पक्ष – शुक्ल

तिथि – चतुर्थी शाम 6:02 तक तत्पश्चात पंचमी

नक्षत्र – अश्विनी प्रातः 4:29 मार्च 04 तक तत्पश्चात भरणी

योग- शुक्ल सुबह 8:57 तक तत्पश्चात ब्रह्म

राहु काल – सुबह 08:28 से सुबह 09:56 तक

सूर्योदय – 07:03

सूर्यास्त – 06:39

दिशा शूल – पूर्व दिशा में

ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:21 से प्रातः 06:10 तक

अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:28 से दोपहर 01:15 तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:27  मार्च 04 से रात्रि 01:16 मार्च 04 तक

व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी

विशेष – चतुर्थी को मुली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

शारीरिक-मानसिक आरोग्य हेतु संजीवनी बूटी : पैदल भ्रमण

कैसा भ्रमण है लाभदायी ?

पैदल भ्रमण करते समय शरीर सीधा व वस्त्र कम रहें । दोनों हाथ हिलाते हुए और नाक से गहरे गहरे श्वास लेते हुए भ्रमण करना चाहिए । गहरे श्वास लेने से प्राणायाम का भी लाभ मिलता है ।शारीरिक के साथ यह मानसिक स्वास्थ्य में भी लाभदायी है । इससे काम, क्रोध, ईर्ष्या आदि मनोदोषों का शमन होता है । एकाग्रता विकसित होती है ।ओस की बूँदों से युक्त हरी घास पर टहलना अधिक हितकारी हैं । यह नेत्रों के लिए विशेष लाभकारी है । वर्षा के दिनों में भीगी घास पर टहल सकते हैं ।भ्रमण सामान्यरूप से शारिरिक क्षमता के अनुसार मध्यम गति से ही करें । सुश्रुत संहिता (चिकित्सा स्थान : २४.८०) में आता है : यत्तु चङ्क्रमणं नातिदेहपीडाकरं भवेत् । तदायुर्बलमेधाग्निप्रदमिन्द्रियबोधनम् ॥’जो भ्रमण शरीर को अत्यधिक कष्ट नहीं देता वह आयु, बल एवं मेधा प्रदान करनेवाला होता है, जठराग्नि को बढ़ाता है और इन्द्रियों की शक्ति को जागृत करता है ।’

भ्रमण है अनेक रोगों में लाभकारी

स्नायु दौर्बल्य, मानसिक रोग, अनिद्रा, स्वप्नदोष, सर्दी, खाँसी, सिरदर्द, कब्ज, दुबलापन और कमजोरी आदि में टहलना रामबाण औषधि है ।

भ्रमण से मोटापा कम होता है, भूख खुलकर लगती है, पुराने कब्ज व अपच में यह उत्तम औषधि भ्रमण सामान्यरूप से अपनी शारीरिक क्षमता का काम करता है। यह युवकों में काम-वासना को नियंत्रित करता है ।आधुनिक अनुसंधानों के परिणाम आधुनिक अनुसंधानों में पाया गया है कि पैदल चलने से संधिवात (arthritis) संबंधी दर्द कम हो जाता है । हर हफ्ते ५-६ मील (८-१० कि.मी.) तक पैदल चलने से संधिवात की बीमारी होने से भी बचा जा सकता है । जैसे-जैसे पैदल चलना बढ़ता जाता है । डॉ. जे. बी. स्कॉट ने लिखा है ‘मध्यम वैसे-वैसे कोरोनरी हृदयरोगों (हृदय की गति से भ्रमण करना अधिकांश व्यक्तियों के लिए रक्तवाहिनियों में अवरोध) के होने का जोखिम कम होता जाता है । आम जनता में कोरोनरी हृदयरोगों की रोकथाम के लिए भ्रमण को एक आदर्श व्यायाम के रूप में बढ़ावा देना चाहिए । पैदल चलने से व्यक्ति की रचनात्मकता में औसतन ६० प्रतिशत तक की वृद्धि होती है ।भ्रमण उच्च रक्तचाप (hypertension) व टाइप-2 डायबिटीज होने के जोखिम को कम करता है ।

ध्यान रखें , घास न हो तो नंगे पैर भ्रमण न करें । नंगे पैर भ्रमण रोगकारक, नेत्रज्योति व आयु नाशक है । भ्रमण प्रदूषणरहित स्थान पर करें । यदि यह सुविधा न हो सके तो अपने घर की छत के ऊपर गमलों में तुलसी, मोगरा, गुलाब आदि लगाकर सुबह- शाम उनके आसपास पैदल चल सकते हैं ।


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