4 March,2025, Tuesday by Divam astro world

दिनांक – 4 मार्च 2025

दिन – मंगलवार

विक्रम संवत् – 2081

अयन – उत्तरायण

ऋतु – बसन्त

मास – फाल्गुन

पक्ष – शुक्ल

तिथि – पञ्चमी  दोपहर 3:16 तक तत्पश्चात षष्ठी

नक्षत्र – भरणी रात्रि 02:37 मार्च 05 तक तत्पश्चात कृत्तिका

योग- इंद्र रात्रि 02:07 मार्च 05 तक तत्पश्चात वैधृति

राहु काल – दोपहर 03:48 से शाम 05:16 तक

सूर्योदय – 07:02

सूर्यास्त – 06:40

दिशा शूल – उत्तर दिशा में

ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:21 से 06:10 तक

अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:28 से दोपहर 01:15 तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:27  मार्च 05 से रात्रि 01:15 मार्च 05 तक

व्रत पर्व विवरण – स्कन्द षष्ठी, सर्वार्थसिद्धि योग (रात्रि 02:37 मार्च 05 से प्रातः 06:58 मार्च 05 तक)

विशेष – पञ्चमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

देशी गोघृत सेवन के लाभ :

(१) हृदय स्वस्थ व बलवान होता है। रक्तदाब नियंत्रित रहता है । हृदय की रक्तवाहिनियों की धमनी प्रतिचय (atherosclerosis) से रक्षा करता है। अतः हृदयरोग से रक्षा हेतु तथा हृदय रोगियों के लिए यह घी अत्यंत लाभदायी है ।

(२) इससे ओज की वृद्धि व दीर्घायुष्य की प्राप्ति होती है।

(३) मस्तिष्क की कोशिकाएँ (neurons) पुष्ट हो जाती हैं, जिससे बुद्धि व इन्द्रियों की कार्यक्षमता विकसित होती है। बुद्धि, धारणाशक्ति एवं स्मृति की वृद्धि होती है।

(४) मन का सत्व गुण विकसित होकर चिंता, तनाव, चिड़चिड़ापन, क्रोध आदि दूर होने में मदद मिलती है । मन की एकाग्रता बढ़ती है । साधना में उन्नति होती है ।

(५) नेत्रज्योति बढ़ती है । चश्मा, मोतियाबिंद (cataract), काँचबिंदु (glaucoma) व आँखों की अन्य समस्याओं से रक्षा होती है ।

(६) हड्डियाँ व स्नायु सशक्त होते हैं। संधिस्थान (joints) लचीले व मजबूत बनते हैं ।

(७) कैंसर से लड़ने व उसकी रोकथाम की आश्चर्यजनक क्षमता प्राप्त होती है ।

(८) रोगप्रतिरोधक शक्ति (immunity power) बढ़कर घातक विषाणुजन्य संक्रमणों (viral infections) से प्रतिकार करने की शक्ति मिलती है ।

(९) जठराग्नि तीव्र व पाचन-संस्थान सशक्त होता है। मोटापा नहीं आता, वजन नियंत्रित रहता है । वीर्य पुष्ट होता है। यौवन दीर्घकाल तक बना रहता है ।

(१०) चेहरे की सौम्यता, तेज एवं सुंदरता बढ़ती है। स्वर उत्तम होता है एवं रंग निखरता है। बाल घने, मुलायम व लम्बे होते हैं ।

(११) गर्भवती माँ द्वारा सेवन करने पर गर्भस्थ शिशु बलवान, पुष्ट और बुद्धिमान बनता है ।


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