10 March 2025, Monday,by Divam astro world

दिनांक – 10 मार्च 2025

दिन – सोमवार

विक्रम संवत् – 2081

अयन – उत्तरायण

ऋतु – बसन्त

मास – फाल्गुन

पक्ष – शुक्ल

तिथि – एकादशी प्रातः 07:44 तक तत्पश्चात द्वादशी

नक्षत्र – पुष्य रात्रि 12:51 मार्च 11 तक, तत्पश्चात अश्लेशा

योग- शोभन दोपहर 01:57 तक तत्पश्चात अतिगण्ड

राहु काल – सुबह 08:22 से सुबह 09:52 तक

सूर्योदय – 06:56

सूर्यास्त – 06:42

दिशा शूल – पूर्व दिशा में

ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:16 से प्रातः 06:05 तक

अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:26 से दोपहर 01:14 तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:25 मार्च 11 से रात्रि 01:14 मार्च 11 तक

व्रत पर्व विवरण – आमलकी एकादशी, नरसिंह द्वादशी, सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 06:53 से रात्रि 12:51 मार्च 11 तक)

विशेष – द्वादशी को पुतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?

1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।

2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें । हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l

3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।

4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।

5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।

6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – इनका सेवन न करें ।


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