आज का हिन्दू पंचांग Aaj ka hindu panchang

दिनांक – 13 मार्च 2025

दिन – गुरुवार

विक्रम संवत् – 2081

अयन – उत्तरायण

ऋतु – बसन्त

मास – फाल्गुन

पक्ष – शुक्ल

तिथि – चतुर्दशी सुबह 10:35 तक तत्पश्चात पूर्णिमा

नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी प्रातः 06:19 मार्च 14 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी

योग- धृति दोपहर 01:03 तक तत्पश्चात शूल

राहुकाल- दोपहर 02:19 से दोपहर 03:49 तक

सूर्योदय – 06:54

सूर्यास्त – 06:44

दिशा शूल – दक्षिण दिशा में

ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:14 से प्रातः 06:02 तक,

अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:25 से दोपहर 01:13 तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:25  मार्च 14 से रात्रि 01:13 मार्च 14 तक

व्रत पर्व विवरण – होलिका दहन, हुताशनी पूर्णिमा, अट्टूकल पोंगल

विशेष –  चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

होलाष्टक

होलाष्टक फाल्गुन मास के अष्टमी से शुरू होता है पूनम दिन होलिका दहन के साथ समाप्त होती है ।

होलाष्टक से ले कर पूनम तक हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए कई यातनाएं दिया था । आठवां दिन हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की मदद ली थी । होलिका को यह वरदान था कि वह अग्नि में नहीं जलेगी, ऐसे में होलिका भक्त प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई । लेकिन भगवान विष्णु के आशीर्वाद से प्रह्लाद को अग्नि जला नहीं सकी, बल्कि होलिका इस अग्नि में जलकर भस्म हुई । यह सारी घटना उन्हीं आठ दिनों में हुई थी । जिन्हें होलाष्टक के नाम से जाना जाता है ।

इस आठ दिनों की अवधि को अशुभ माना जाता है । इस अवधि में किसी भी शुभ कार्य के लिए वर्जित माना जाता है ।

होलाष्टक में वर्जित कार्य :

1. विवाह करना ।2. वाहन खरीदना ।3. घर खरीदना ।4. भूमि पूजन ।5. गृहप्रवेश ।6. 16 संस्कार ।7. यज्ञ, हवन या होम ।8. नया व्यापार शुरु करना ।9. नए वस्त्र या कोई वस्तु खरीदना ।10. यात्रा करना ।

होलाष्टक के वक्त लोगों को सदाचार और संयम का पालन करना चाहिए । इसके अलावा इन दिनों में भगवान को याद करके मंत्र जप, साधना और आध्यात्मिक कार्य करना चाहिए । इस समय के अवधि साधना और सिद्धि के लिए काफी अनुकूल माना गया है ।