आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 15 अप्रैल 2025
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत् – 2082
अयन – उत्तरायण
ऋतु – बसन्त
मास – वैशाख
पक्ष – कृष्ण
तिथि – द्वितीया सुबह 10:55 तक तत्पश्चात् तृतीया
नक्षत्र – विशाखा रात्रि 03:10 अप्रैल 16 तक तत्पश्चात् अनुराधा
योग – सिद्धि रात्रि 11:33 तक तत्पश्चात् व्यतीपात
राहुकाल – दोपहर 03:50 से शाम 05:25 (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
सूर्योदय – 06:19
सूर्यास्त – 07:00 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)
दिशा शूल – उत्तर में
ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:49 से प्रातः 05:34 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:14 से दोपहर 01:05 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:17 अप्रैल 16 से रात्रि 01:02 अप्रैल 16 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
व्रत पर्व विवरण- त्रिपुष्कर योग (सुबह 06:19 से सुबह 10:55 तक), व्यतिपात योग (रात्रि 11:33 से रात्रि 12:19 अप्रैल 17 तक)
विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।( ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)
सुखमय जीवन की अनमोल कुंजियाँ
आर्थिक कष्ट निवारण हेतु
रविवार, सप्तमी, नवमी, अमावस्या, सूर्यग्रहण, चन्द्रग्रहण तथा संक्रांति – इन तिथियों को छोड़कर बाकी के दिन आँवले का रस शरीर पर लगाकर स्नान करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है। (स्कंद पुराण, वैष्णव खंड)
क्रोध पर नियंत्रण कैसे पायें ?
क्रोध भस्मासुर है, करा-कराया सब खाक कर देता है । जिन्हें क्रोध पर नियंत्रण पाना हो वे नीचे दिये गये सरल एवं कारगर उपायों में से एक या अधिक उपायों का लाभ अवश्य लें ।
(१) एक कटोरी में जल लेकर उसमें देखते हुए ‘ॐ शांति… शांति… शांति… ॐ…’ इस प्रकार २१ बार जप करें और वह जल पी लें तो क्रोधी स्वभाव में बदलाहट आयेगी ।
(२) जब क्रोध आये तो उस समय अपना विकृत चेहरा आईने में देखने से भी लज्जावश क्रोध भाग जायेगा ।
(३) सुबह नींद में से उठते ही बिस्तर पर बैठ के ललाट पर तिलक करने की जगह पर अपने सद्गुरु या इष्ट का ध्यान करें । बाद में संकल्प करते हुए एवं यह मंत्र बोलते हुए क्रोध की मानसिक रूप से अग्नि में आहुति डालें: ॐ क्रोधं जुहोमि स्वाहा ।
(४) एक नग आँवले का मुरब्बा रोज सुबह खायें व शाम को एक चम्मच गुलकंद खाकर दूध पी लें, इससे विशेषकर पित्तप्रकोपजनित क्रोध पर नियंत्रण पाने में सहायता मिलेगी । (शुक्रवार व रविवार को आँवले का सेवन न करें ।)
कब्जनाशक प्रयोग
कब्ज अनेक रोगों का गढ है । कब्ज दूर करने के लिए निम्न उपाय करें ।
रात को हरड़ पानी में भिगोकर रखें । सुबह थोड़ी सी हरड़ उसी पानी में रगड़ें और थोड़ा सा नमक मिलाकर पियें ।
सूर्योदय से पहले खाली पेट रात का रखा हुआ पानी आवश्यकतानुसार पियें (गुनगुना हो तो उत्तम) ।
मेथी के पत्तों की सब्जी खायें ।
धनिया, पुदीना, काला नमक व काली मिर्च की चटनी भोजन के साथ लें ।
श्वास बाहर निकालकर गुदाद्वार का संकोचन विस्तरण (अश्विनी मुद्रा) करने को थलबस्ती कहते हैं। यह प्रयोग रोज तीन-चार बार करने से भी कब्ज दूर होता है और वीर्यहानि, स्वप्नदोष एवं प्रदर रोग से रक्षा होती है । व्यक्तित्व विकसित होता है ।
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