काल सर्प दोष कुंडली में कब बनता है Kaalsarp dosh

काल सर्प दोष, जानें लक्ष्ण और उपाय kalsarp dosh upay

ज्योतिष में काल सर्प दोष को बहुत ही हानिकारक योग माना गया है। कहते हैं जिस व्यक्ति की कुंडली में यह काल सर्प दोष बनता हैं। उस व्यक्ति को जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ता है। तो आइए जानते हैं काल सर्प दोष की पूजा विधि, फायदे और कालसर्प दोष के लक्षण।ज्योतिष शास्त्र में काल सर्प दोष को बहुत ही अशुभ माना गया है। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष होता है तो व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुंडली में काल सर्प दोष होने से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित होता है। इसलिए कालसर्प दोष की पूजा पूरे विधि विधान के साथ होना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कालसर्प दोष क्या है, कालसर्प दोष की पूजा विधि और फायदे और कालसर्प दोष के लक्षण।

कालसर्प दोष के लक्षण

जिस व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष होते हैं इस व्यक्ति को अक्सर सपने में मृत लोग दिखाई देते हैं। इतना ही नहीं कुछ लोगों को तो यह भी दिखाई देता है कि कोई उनका गला दबा रहा हो। जिस व्यक्ति के जीवन में काल सर्प दोष होता है उसे जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है और जब उसको जरुरत होती है तब उसे अकेलापन महसूस होता है।कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति के कारोबार पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है। इसे व्यापार में बार बार हानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा नींद में शरीर पर सांप को रेंगते देखना, सांप को खुद को डसते देखना। बात-बात पर जीवनसाथी से वाद विवाद होना। यदि रात में बार बार आपकी नींद खुलती है तो यह भी काल सर्प दोष का ही लक्षण है।इसके अलावा काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को सपने में बार-बार लड़ाई झगड़ा दिखाई देता है। काल सर्प दोष के कारण व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान होता है। साथ ही सिर दर्द, त्वचारोग आदि भी कालसर्प दोष के लक्षण है।

कुंडली में कब बनता है कालसर्प दोष

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच जब सभी ग्रह आ जाते हैं तब काल सर्प दोष नामक योग का निर्माण होता है।

कालसर्प दोष के उपाय

कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में काफी ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है ऐसे में जल्द से जल्द इसका निवारण होना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं काल सर्प दोष के प्रभाव को कुछ कम करने के आसान उपाय।

काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को घर या मंदिर में जाकर रोजाना शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए। प्रदोष तिथि के दिन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करना भी लाभकारी रहता है।इसके अलावा उस व्यक्ति को कुलदेवता की प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए। प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।इसके अलावा हनुमान चालीसा का रोजाना 11 बार पाठ करना चाहिए। कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति को अपने घर में मोरपंख रखने चाहिए।