लक्ष्मी गणेश स्तोत्र |

अपार धन देने वाला गणेश लक्ष्मी स्तोत्र | Lakshmi Ganesha Stotra |

अपार धन देने वाला गणेश-लक्ष्मी स्तोत्र ये गणेश जी का लक्ष्मी स्तोत्र है जो बेहद सरल और असरदार है। सच में चमत्कारी है!

कई बड़े-बड़े लोगों ने इसका अनुभव किया है। और जानते हैं? बहुत से लोगों की जिंदगी में इससे अद्भुत बदलाव आया है।

लक्ष्मी गणेश स्तोत्र |

अपार धन देने वाला गणेश लक्ष्मी स्तोत्र | Lakshmi Ganesha Stotra |

गणेश-लक्ष्मी स्तोत्रस्तोत्र प्रयोगदिवाली की रात को बस 108 बार इसका पाठ कर लीजिए। ये सिद्ध हो जाएगा!

या फिर भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से चतुर्दशी तक रोज़ 108 बार पाठ करें। विश्वास करिए, जो परिणाम मिलेगा वो आपकी कल्पना से परे होगा!

श्री गणेश-लक्ष्मी स्तोत्र

ॐ नमो विघ्नराजाय सर्वसौख्यप्रदायिने |

दुष्टारिष्टविनाशाय पराय परमात्मने ||

लम्बोदरं महावीर्यं नागयज्ञोप शोभितं |

अर्धचन्द्रधरं देवं विघ्नव्यूह विनाशनं ||

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः हेरम्बाय नमो नमः |

सर्वसिद्धिप्रदोसि त्वं सिद्धिबुद्धिप्रदोभव ||

चिन्तितार्थप्रदस्त्वं हि सततं मोदकप्रियः |

सिन्दूरारुणवस्त्रेश्च पूजितो वरदायकः ||

इदं गणपतिस्तोत्रं यः पठेद भक्तिमान नरः |

तस्य देहं च गेहं च स्वयं लक्ष्मीर्न मुञ्चति ||

स्तोत्र का अर्थ

विघ्नराज गणेश जी को नमस्कार! वे हमें पूर्ण सुख देते हैं।

वे सच्चिदानंद स्वरूप हैं। वे सभी बुरी शक्तियों और अरिष्ट ग्रहों को नष्ट करते हैं।

वे परमात्मा हैं – उन्हें प्रणाम!गणपति जी महान शक्तिशाली हैं।

लंबोदर हैं, सर्प की माला पहनते हैं, अर्धचंद्र धारण करते हैं।

वे सभी विघ्नों को दूर करते हैं। मैं उनकी वंदना करता हूं।

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः – हेरंब गणेश को नमस्कार!हे प्रभु! आप ही सभी सिद्धियों के दाता हैं।

हमें सिद्धि और बुद्धि दीजिए।आपको मोदक बहुत प्रिय हैं।

जो भी हम मन में सोचते हैं, आप वो पूरा करते हैं।

सिंदूर और लाल वस्त्र से जब आपकी पूजा होती है, आप वरदान देते हैं।

जो भी भक्ति से इस स्तोत्र का पाठ करता है, लक्ष्मी जी खुद उसके घर और शरीर को कभी नहीं छोड़तीं!

|| गणेश-लक्ष्मी स्तोत्र संपूर्ण ||


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