दिनांक – 22 फरवरी 2025

दिन – शनिवार

विक्रम संवत् – 2081

अयन – उत्तरायण

ऋतु – बसन्त

मास – फाल्गुन

पक्ष – कृष्ण

तिथि – नवमी दोपहर 01:19 तक तत्पश्चात दशमी

नक्षत्र – ज्येष्ठा शाम 05:40 तक तत्पश्चात मूल

योग – हर्षण दोपहर 11:56 तक, तत्पश्चात वज्र

राहु काल – सुबह 10:00 से सुबह 11:27 तक

सूर्योदय – 07:10

सूर्यास्त – 06:35

दिशा शूल – पूर्व दिशा में

ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:27 से 06:17 तक

अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:30 से दोपहर 01:16 तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:28 फरवरी 23 से रात्रि 01:18 फरवरी 23 तक

व्रत पर्व विवरण – समर्थ रामदासजी नवमी

विशेष – नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है व दशमी कलंबी शाक त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण)

🔹शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🔹

🔸शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)

🔸हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)

🔸आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔸

एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।   


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