जो शादियां नही चल पाती उनमें अंतः तलाक होने की स्थिति बनती है और तलाक केस के द्वारा कानूनी रूप से दोनो अलग होना चाहते है तो आज इसी बारे में बात करते है अगर तलाक केस चल रहा है और आयु अभी कम है दूसरी शादी लायक आयु है तो तलाक केस कब तक खत्म होगा और तलाक से मुक्ति पाकर स्वतंत्र रूप से वैवाहिक जीवन में आगे कब बढ़ पाएंगे

कुंडली का 7वा भाव वैवाहिक जीवन का होने से तलाक का भी है जब 7वे भाव स्वामी और 7वा भाव बहुत ज्यादा पाप ग्रहों से पीड़ित होगा या है या 7वे भाव/7वे भाव स्वामी अशुभ स्थिति में है तब तलाक की स्थिति बनेगी।अब 7वे भाव स्वामी बलवान है और 7वा भाव भी बलवान है और पाप ग्रह शुभ स्थिति में 7वे भाव/7वे भाव को पीड़ित कर रहे है तब तलाक जल्दी व आसानी से होगा साथ ही 7वे भाव और 7वे भाव स्वामी बहुत अशुभ योगो में है या बहुत खराब स्थिति में है तब तलाक होने में दिक्कत रहेगी, साथ ही दिक्कत व देर से तलाक होगा।।

छठा भाव मुकादमें का होता है छठा भाव छठे भाव स्वामी बलवान और शुभ स्थिति में है तब मुकादमा जातक जातिका के पक्ष में रहेगा।बाकी पुरुष की कुंडली मे धनभाव ज्यादा पीड़ित हैं तब पत्नी को धन ज्यादा देना पड़ेगा तलाक केस जिसके फल स्वरूप धन नुकसान रहेगा बाकी स्त्री की कुंडली का ग्यारहवा भाव ज्यादा बलवान है तब धन लाभ पति से तलाक के बदले अच्छा मिलेगा।

अब कुछ उदाहरणों से समझते है तलाक केस कब तक खत्म होगा और पति पत्नी को आर्थिक रूप से तलाक में नुकसान रहेगा/फायदा , दिक्कत से होगा या आसानी से तलाक हो जाएगा समझते है , उदाहरण_अनुसार_

१) वृष_लग्न:- वृष लग्न में 7वे भाव(विवाह भाव)स्वामी मंगल राहु केतु या शनि से पीड़ित होकर बैठे है तब केवल वैवाहिक जीवन मे दिक्कत बनी रहेंगी जबकि अब विवाह स्वामी मंगल और 7वा भाव दोनो ही शनि राहु केतु तीनो से पीड़ित है तब तलाक होगा ही होगा।अब मंगल और विवाह का कारक पुरुष कुंडली है तो शुक्र और स्त्री कुंडली है तो गुरु बलवान है और छठा भाव(मुक़ादमे भाव) भी बलवान है तब तलाक जल्दी होगा जब 7वे भाव में बैठे ग्रह या 7वे भाव स्वामी मंगल या मंगल से सम्बंध किये ग्रह की दशा अन्तर्दशाये आएगी।।

२) मकर_लग्न:- मकर लग्न में 7वे भाव(विवाह भाव)स्वामी चन्द्रमा किसी तरह से शनि राहु केतु मंगल इनमे से दो ग्रहो से भी पीड़ित है या फिर चन्द्रमा अस्त आदि होकर किसी अशुभ योग में होकर पीड़ित है तब तलाक होगा तलाक का कोर्ट केस चलेगा।अगर लाभ भाव(ग्यारहवा भाव)बलवान स्थिति में है तब स्त्री को तलाक के बाद धन लाभ होगा और पुरूष की कुंडली का दूसरा भाव मजबूत है तब धन ज्यादा तलाक में नही देना पड़ेगा जबकि धन भाव कमजोर हुआ तब तलाक में पैदा ज्यादा देना होगा।मंगल और 7वा भाव बलवान है तब तलाक जल्दी हो जाएगा और अशुभ स्थिति में है ज्यादा ही तब तलाक बहुत दिक्कत से होगा।तलाक होगा 7वे भाव संबधी महदशा अन्तर्दशाये आने पर।।

३) कुम्भ_लग्न:- कुम्भ लग्न में 7वे भाव(विवाह भाव)स्वामी सूर्य और विवाह के कारक शुक्र या गुरु किसी भी तरह अशुभ योगो में है या पाप ग्रहों शनि राहुकेतु मंगल से पीड़ित है तब तलाक होगा, अब 7वे भाव और 7वे भाव स्वामी सूर्य को कोई शुभ या शुभ ग्रहों का सहयोग है तब तलाक जल्दी और आसानी से कुछ उपाय करके हो जाएगा बाकी सूर्य और 7वा भाव ज्यादा ही पीड़ित हुआ तब तलाक होने में दिक्कत होगी देर से और परेशानियों के बाद 7वे भाव संबधि दशा आने पर तलाक होगा।

पति -पत्नी के बीच कलह के कारण

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