आज बात करते है क्या जेल जाने या जेल के योग कुंडली मे बने हुये है क्या अगर जेल के योग है तब किसी न किसी कारण से जेल होगी ही होगी चाहे कोई अपराध कानूनी रूप से किया गया हो या न किया गया हो, अपराध नही भी किया गया होगा यो जूठे इल्जाम के कारण जेल जाने के योग बन जाएंगे अगर जेल योग है तो ,अगर जेल योग नही है तब कभी भी जेल नही हो सकती।

बाकी सब छठा भाव और छठे भाव स्वामी मुक़ादमे का भी है| अगर छठा भाव और छठे भाव स्वामी दोनो बहुत पीड़ित है राहु केतु शनि से या शनि राहु केतु कोई अशुभ योग छठे भाव में या छठे भाव स्वामी के साथ बनाकर बैठे है तब ऐसी स्थिति में छठे भाव/छठे भाव स्वामी की दशा में मुक़ादमे किसी न किसी कारण के हमारे ऊपर हो जाते है जो आगे चलते रहते है अब छठा भाव स्वामी बलवान है और शुभ ग्रहों की दृष्टि भी है तब मुकादमा छठे भाव सम्बन्धी दशा में खत्म हो जाएगा बाकी छठा भाव कमजोर होकर पीड़ित है तब मुकदमेबाजी लंबी चलेगी।।

अब जेल के लिए बात करते है कुंडली का लग्न/लग्नेश हम स्वयं होते है तो कुंडली के छठे भाव और बारहवें भाव जेल के है तो शनि राहु केतु पाप ग्रह जेल के कारक है तो राहु झूठे इल्जाम में जेल कराने वाला ग्रह तो शनि और कहीं कही मंगल अपराध के कारण जेल कराएंगे।।

अब समझते है कुछ उदाहरणो से अगर जेल योग बना हुआ है तो क्या जेल होगी और किन ग्रहों की दशा में किस कारण से व क्या कोई मुकादमा चल रहा है तो कब तक उस मुक़ादमे से छुटकारा मिलकर शुभ फल मुक़ादमे में मिलेंगे और मुकादमा आपके पक्ष में रहेगा आदि??

मीन_लग्न1:- मीन लग्न में लग्न स्वामी गुरु 8वे भाव मे जाकर छठे भाव स्वामी सूर्य या 12वे भाव स्वामी शनि के साथ संबंध बनाकर बैठे है या लग्नेश गुरु छठे बारहवें भाव मे सूर्य राहु/केतु शनि सहित बैठे है तब जेल जाना पड़ेगा, बाकी अब आगे छठे भाव/छठे भाब स्वामी दोनो(मुक़ादमे भाव)सूर्य राहु केतु शनि से पीड़ित या सम्बन्ध में है तब मुकादमेबाजी में रहना पड़ेगा छठे भाव स्वामी सूर्य बलवान है अनुकूल स्थिति में है तब मुकादमा अंत लाभकारी रहेगा जल्दी खत्म हो जाएगा।।

कर्क_लग्न2:- कर्क लग्न में लग्नेश चन्द्रमा 8वे भाव मे छठे भाव स्वामी गुरु के साथ सम्बन्ध में हो या है और ऐसे चन्द्र गुरु पर या लग्न पर शनि या राहु केतु पर पाप ग्रहों की दृष्टि है तब जेल जाने या जेल तक पंहुचने की स्थिति जीवन मे बनेगी।बाकी कुंडली का छठा भाव और छठे भाव स्वामी गुरु दोनो राहु केतु के प्रभाव और सम्बन्ध में है तब मुकादमेबाजी रहेगी जीवन मे ,अब छठे भाव स्वामी गुरु व छठा भाव बलवान है तब मुक़ादमे में सफलता मिलकर शुभ मिलेंगे मुकादमा अनुकूल रहेगा।।

तुला_लग्न3:- तुला लग्न में लग्नेश शुक्र शनि या राहू, केतु से पीड़ित होकर छठे भाव मे हो या छठे भाव स्वामी गुरु सहित 8वे या 12वे भाव मे हो तब जेल जाने की स्थिति जीवन मे बनेगी अगर शुक्र बहुत बलवान है और लग्न पर कुंडली के योगकारक ग्रह शनि सहित बुध चन्द्र की दृष्टि है तब जेल ज्यादा लंबे समय के लिए नही होगी बाकी अब छठे भाव स्वामी गुरु और छठा भाव दोनो कमजोर होकर अशुभ राहु केतु प्रभाव और सम्बन्ध में हैं तब मुक़ादमे चलेंगे।अब गुरु पर छठे भाव पर शुभ ग्रहों शुक्र चन्द्र बुध का प्रभाव या संबध है गुरु नवमांश कुंडली में बलवान है तब मुकदमा जल्दी खत्म होगा और पक्ष में रहेगा मुकादमा चाहे किसी भी सम्बन्ध में हो।।

इस तरह जीवन मे जेल और मुक़ादमेबाजी होना तय है या नही यह आपकी कुंडली के छठे भाव सहित लग्न लग्नेश की स्थिति बता देगी अगर जेल और मुक़ादमे के योग है तब जेल जाने से बचने और मुकादमों में सफलत या मुकादमों से बचने के उपाय समय रहते उपाय करना जीवन मे इन संकटो से बचा लेगा।