
दिनांक – 17 फरवरी 2025
दिन – सोमवार
विक्रम संवत् – 2081
अयन – उत्तरायण
ऋतु – शिशिर
मास – फाल्गुन
पक्ष – कृष्ण
तिथि – पञ्चमी प्रातः 04:53 फ़रवरी 18 तक तत्पश्चात षष्ठी
नक्षत्र – चित्रा पूर्ण रात्रि तक
योग – शूल प्रातः 08:55 तक, तत्पश्चात गण्ड
राहु काल – सुबह 08:36 से सुबह 10:02 तक
सूर्योदय – 07:14
सूर्यास्त – 06:32
दिशा शूल – पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:30 से 06:20 तक
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:31 से दोपहर 01:17 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:28 फरवरी 18 से रात्रि 01:19 फरवरी 18 तक
विशेष – पञ्चमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹बीमारी क्या खबर देती हैं ?🔹
🔹जो भी बिमारी आती है वह खबर देती है कि तुम खान-पान में संयम करो । पेट बाहर है तो हफ्ते में एकाध उपवास करो अथवा १५ दिन में एकादशी का व्रत रखो । कुछ नही खाओ, केवल नीबूं पानी अथवा गुनगुना पानी पियो ।
लड़्घनं परमौषधम ।…..अर्धरोगहरि निद्रा सर्वरोगहरि क्षुधा । उपवास और आराम बीमारियों को खा जायेगा । व्यक्ति दवाई से इतना जल्दी ठीक नहीं होता जितना उपवास से ठीक होता है ।
🔹उपवास में कमजोरी लगे तो १५ से २५ ग्राम किशमिश धो के खा लो, बस हो गया । सारी बीमारी निकल जाती है | द्राक्ष, किशमिश लोग ऐसे ही खा लेते है । इन पर जंतुनाशक दवा डालते हैं, जो कि जहरी, हानिकारक होती है । इन्हें ३-४ बार अच्छी तरह धोकर ही खाना चाहिए । कभी गोमूत्र (या गोमूत्र अर्क) की कुछ बूँदे पानी में डाल के उससे भी धो सकते हैं ।
🔹प्राणायाम करो, सूर्यनारायण को अर्ध्य दो और नाभि पर सूर्यनारायण का ध्यान करो । इससे आरोग्य प्राप्त होता है ।
1 Comment
Mahesh Bisawa · February 17, 2025 at 10:32 am
Outstanding 👌👍