मंगलदोष (Mars)

जन्म कुंडली में मंगल दोष और इसके परिहार Bhavanaji Blog – भावनाजीका ब्लॉग ज्योतिष शास्त्र अनुसार जन्म कुंडली के पहले, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में मंगल की स्थिति होने पर जातक या जातिका को मांगलिक कहा जाता है। Read more

आज का पंचांग

दिनांक – 22 फरवरी 2025 दिन – शनिवार विक्रम संवत् – 2081 अयन – उत्तरायण ऋतु – बसन्त मास – फाल्गुन पक्ष – कृष्ण तिथि – नवमी दोपहर 01:19 तक तत्पश्चात दशमी नक्षत्र – ज्येष्ठा शाम 05:40 तक तत्पश्चात मूल Read more

आज का पंचांग

दिनांक – 21 फरवरी 2025 दिन – शुक्रवार विक्रम संवत् – 2081 अयन – उत्तरायण ऋतु – बसन्त मास – फाल्गुन पक्ष – कृष्ण तिथि – अष्टमी दोपहर 11:57 तक तत्पश्चात नवमी नक्षत्र – अनुराधा दोपहर 03:54 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा Read more

गुरुवार विशेष पंचांग

दिनांक – 20 फरवरी 2025 दिन – गुरुवार विक्रम संवत् – 2081 अयन – उत्तरायण ऋतु – बसन्त मास – फाल्गुन पक्ष – कृष्ण तिथि – सप्तमी प्रातः 09:58 तक तत्पश्चात अष्टमी नक्षत्र – विशाखा दोपहर 01:30 तक तत्पश्चात अनुराधा Read more

मंत्र जाप की शक्तियां

🔹ॐ कार मंत्र में शक्तियाँ हैं (Mantra Chanting) 🔸रक्षण शक्ति : ॐ सहित मंत्र का जप करते हैं तो वह हमारे जप तथा पुण्य की रक्षा करता है । किसी नामदान के लिए हुए साधक पर यदि कोई आपदा आनेवाली Read more

आज का पंचांग (Panchang)

दिनांक – 17 फरवरी 2025 दिन – सोमवार विक्रम संवत् – 2081 अयन – उत्तरायण ऋतु – शिशिर मास – फाल्गुन पक्ष – कृष्ण तिथि – पञ्चमी प्रातः 04:53 फ़रवरी 18 तक तत्पश्चात षष्ठी नक्षत्र – चित्रा पूर्ण रात्रि तक Read more

आज का पंचांग (Panchang today)

दिनांक – 14 फरवरी 2025 दिन – शुक्रवार विक्रम संवत् – 2081 अयन – उत्तरायण ऋतु – शिशिर मास – फाल्गुन पक्ष – कृष्ण तिथि – द्वितीया रात्रि 09:52 तक तत्पश्चात तृतीया नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 11:09 तक, तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी Read more

हवन-यज्ञ क्यो करे,कौनसा यज्ञ सर्वोपरि है (Yagya kyu kare)

दिनांक – 13 फरवरी 2025 दिन – गुरुवार विक्रम संवत् – 2081 अयन – उत्तरायण ऋतु – शिशिर मास – फाल्गुन पक्ष – कृष्ण तिथि – प्रतिपदा रात्रि 08:21 तक तत्पश्चात द्वितीया नक्षत्र – मघा रात्रि 09:07 तक, तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी Read more

मनोकामना पूर्ति स्तोत्र माॕंं त्रिवेणी स्तोत्र

।। त्रिशक्तिस्वरूपा श्रीत्रिवेणी स्तोत्र ।। (हिन्दी अर्थ सहित) तीर्थ राज प्रयाग में कल्पवास में अथवा कुंभ पर्व के अवसर पर वहां तीर्थ में स्नान व निवास करते हुए इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। इसके अतिरिक्त विश्व में कहीं Read more